आज के आधुनिक युग में वित्तीय क्षेत्र ने एक नया मुकाम हासिल किया है, जहां पारंपरिक निवेश के तौर-तरीकों के साथ-साथ अत्याधुनिक वित्तीय साधनों ने निवेशकों को धन सृजन के व्यापक अवसर प्रदान किए हैं। इनमें से एक लोकप्रिय और तेजी से बढ़ता हुआ वित्तीय साधन है फॉरेन एक्सचेंज, जिसे फोरेक्स के नाम से जाना जाता है। फोरेक्स बाजार विदेशी मुद्राओं के व्यापार के लिए एक वैश्विक और विकेंद्रीकृत बाजार है, जो निवेशकों को अलग-अलग मुद्राओं को खरीदने और बेचने की सुविधा प्रदान करता है। इस लेख में, हम फोरेक्स की गहराई से पड़ताल करेंगे, जिसमें इसकी परिभाषा, इतिहास, बुनियादी अवधारणाएं और इसके लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी शामिल है।
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फोरेक्स की परिभाषा
फोरेक्स, “फॉरेन एक्सचेंज” का संक्षिप्त नाम है। यह एक वैश्विक बाजार है जहाँ विभिन्न देशों की मुद्राओं का व्यापार किया जाता है। इस विशाल बाजार में अलग-अलग मुद्रा जोड़े, जैसे कि यूएस डॉलर/यूरो (USD/EUR) या जापानी येन/ब्रिटिश पाउंड (JPY/GBP) शामिल होते हैं। फोरेक्स बाजार प्रतिदिन ट्रिलियन डॉलर के कारोबार के साथ दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तरल वित्तीय बाजार है। इसकी अत्यधिक तरलता त्वरित निष्पादन और तंग स्प्रेड की अनुमति देती है।
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What Is Forex In Hindi Full Info
फोरेक्स का इतिहास
फोरेक्स की उत्पत्ति 20वीं शताब्दी की शुरुआत में हुई, जब व्यवसायों और व्यक्तियों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश के लिए विदेशी मुद्राओं की आवश्यकता होने लगी। प्रारंभ में, विदेशी मुद्रा का व्यापार टेलीग्राफ और टेलीफोन के माध्यम से होता था। 1970 के दशक में ब्रेटन वुड्स समझौते के पतन के बाद, विदेशी मुद्रा बाजार में क्रांति आ गई और मुक्त-अस्थायी विनिमय दरों की शुरुआत हुई। इससे फोरेक्स का व्यापक प्रसार हुआ और इलेक्ट्रॉनिक व्यापार मंचों का विकास हुआ। आज, फोरेक्स बाजार इंटरनेट के माध्यम से 24/5 संचालित होता है, जिससे दुनिया भर के निवेशकों को इसमें भाग लेने की अनुमति मिलती है।